लॉकडाउन से रेलवे व रोडवेज को रोजाना सवा दो करोड़ रुपए का नुकसान


बीकानेर. कोरोना वायरस से निपटने के लिए देशभर में चल रहे 21 दिन के लॉकडाउन से रेलवे व रोडवेज को रोजाना करीब सवा दो करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। दोनों महकमों को नुकसान होने के चलते बाहरी राज्यों व जिलों में फंसे यात्री भी परेशान है। उन्हें लॉकडाउन खुलने का इंतजार है ताकि वह घर पहुंच सके।


इसी बीच अगर किसी शख्स को मेडिकल अथवा जरूरी काम से बाहर जाना है तो शहरी क्षेत्र में एसडीएम, जिले में एडीएम और जिले के बाद राज्य की सीमा में डीटीओ व आरटीओ से आवश्यक दस्तावेज पेश करने के बाद स्वीकृति मिलती है।


सूत्रों के अनुसार बीकानेर मंडल ने पैसेंजर व मेल एक्सप्रेस की बीकानेर से चलने वाली 62 रेलगाड़ियों को 14 अप्रेल रात 12 बजे तक के लिए रद्द कर रखा है। मंडल में 110 पैसेंजर ट्रेन और 86 मेल एक्सप्रेस तथा 22 रन थ्रू ट्रेन चलती हैं। गुड्स को छोड़कर सभी ट्रेनों पर पूरी तरह से रोक है। इससे मंडल को रोजाना दो करोड़ दस लाख रुपए के राजस्व से वंचित होना पड़ रहा है। मंडल को रोजाना 60-60 लाख रुपए की आय रिजर्वेशन व जनरल टिकटों होती है। बाकी पार्सल व प्लेटफार्म टिकट से इनकम आती है।


ऐसे ही बीकानेर डिपो में रोडवेज की 60 और अनुबंधित 43 बसें रोजाना 90 शैड्यूल चलती थी। इससे करीब 15 लाख रुपए का राजस्व रोज आता है, जो लॉकडाउन के चलते बंद है। उधर बीकानेर बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन अध्यक्ष समुंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि जिले में लोक परिवहन, ग्रामीण व नाइट सर्विस को मिलाकर करीब एक हजार बसों का संचालन रोजाना होता है। इसमें 100 बसें लोक परिवहन, 100 नाइट सर्विस, 200 ग्रामीण क्षेत्रों व 600 बसें अन्य जिलों में अप-डाउन करती है। सभी का संचालन 14 अप्रेल तक के लिए फिलहाल बंद है।


रिजर्वेशन, बुकिंग व पार्सल ऑफिस बंद
रेलवे की साइट आईआरसीटीसी ने भले ही 14 अप्रेल की रात 12 बजे के बाद चलने वाली ट्रेनों में रिजर्वेशन शुरू कर दिया है, लेकिन रेलवे ने रिजर्वेशन काउंटर, बुकिंग ऑफिस व पार्सल घर में बुकिंग नहीं खोली है। सीनियर डीसीएम जितेंद्र मीणा ने बताया कि अगर 15 अप्रेल से ट्रेनों का संचालन शुरू करना होगा तो ट्रेनों को वर्ककशॉप में मंगवाकर चेक किया जाएगा।


फिलहाल मंडल के सभी स्टेशन्स पर गाड़ियों खड़ी है। दूसरे मंडल से आई 31 ट्रेनों को सेनेटाइज करके भिजवा दिया है। यात्री रिफंड लेने के लिए अब स्टेशन न आए। रिफंड के लिए ऑनलाइन आवेदन करें। यात्रियों को रिफंड हालही में की गई नई व्यवस्था के अनुसार किया जाएगा, क्योंकि रेलवे ने रिफंड की पॉलिसी में अस्थायी तौर पर बदलाव किया है।